Wednesday, January 5, 2011

High Profile Assasination

 
 
 
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर की मंगलवार को उनके ही सुरक्षाकर्मी ने हत्या कर दी। हमलावर ने गवर्नर सलमान तासीर के काफिले पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें उनकी मौत हो गई। सुरक्षाकर्मी मुमताज हुसैन कादरी को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

इस घटना के बाद समूचे पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है।सुरक्षाकर्मी द्वारा अति विशिष्ट और विशिष्ट लोगों की हत्या करने का यह पहला मामला नहीं था। इससे पहले भी अन्य देशों मसलन बंगलादेश, नेपाल भारत और पाकिस्तान में ऐसे कई मामले सामने आए है।

आइए नज़र डालें ऐसे ही कुछ हाई प्रोफाइल मर्डर केसेस पर जिन्होनें देशों को अन्दर तक झकझोर दिया ....

महात्मा गांधी (जनवरी 30,1948)

30 जनवरी, 1948, गांधी की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वे नई दिल्ली के बिड़ला भवन (बिरला हाउस) के मैदान में चहलकदमी कर रहे थे। गांधी जी की हत्या नाथूराम गोडसे ने की थी। गांधी का हत्यारा नाथूराम गौड़से उन्हें पाकिस्तान को भुगतान करने के मुद्दे को लेकर भारत को कमजोर बनाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था।गोड़से को 15 नवंबर 1949 को फांसी दे दी गई।

इंदिरा गांधी अक्टूबर (31, 1984)

भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही सुरक्षाकर्मियों सतवंत सिंह और बेयंत सिंह ने की थी। इंदिरा की हत्या प्रधानमंत्री आवास पर करने के बाद दोनों सुरक्षाकर्मियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस घटना से समूचे हिंदुस्तान में कोहराम मच गया था। वहीँ इंदिरा की हत्या करने वाले सतवंत सिंह को अज्ञात हत्यारों ने गोली मार हत्या की थी तो बेयंत सिंह को तिहार जेल में फांसी की सजा सुनाई गई।

राजीव गांधी (मई 21,1991)

1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ भारत के प्रधानमंत्री बने थे। उसके बाद 1989 के आम चुनावों में कांग्रेस की हार हुई और पार्टी दो साल तक विपक्ष में रही। 1991 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हो गई थी। राजीव की हत्या के पीछे श्रीलंका के दुर्दांत संगठन लिट्टे का हाथ था।

बंगलादेश

जनरल जिया उर रहमान

लेफ्टिनेंट जनरल जिया उर रहमान की हत्या उनके की निकट सहयोगी और फौजी कमांडरों द्वारा कर दी गई थी। 30 मई 1981 को चटगांव सर्किट हाउस में जिया उर रहमान को सेना के अधिकारियों के एक समूह ने मौत के घाट उतार दिया था। उनके निजी अंगरक्षक भी योजना का हिस्सा थे। गौरतलब है कि जिया का बंगलादेश में 1977-1981 तक एक तरफ़ा राज चलता था।

शेख मुजीबुर्रहमान

बंगलादेश के पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों के एक दल ने उनके ही निवास पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। 15 अगस्त 1975 को हुई इस घटना में हत्यारों ने मुजीबुर्रहमान के परिवार को भी नहीं बक्शा था और उनके परिवार के सदस्यों को मार डाला। हालांकि रहमान की दो बेटियां शेख हसीना और शेख रेहाना इस हत्याकांड के बीच बच निकली थीं।

श्रीलंका 

एस भंडारनायके

श्रीलंका के चौथे प्रधानमंत्री भंडारनायके की 26 सितम्बर 1959 को एक बौद्ध भिक्षु ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तल्दुवे सोमाराम नामक यह बौद्ध भिक्षु बौद्ध पादरियों के दल का सदस्य था।

बौद्ध भिक्षु जान सुरक्षाकर्मियों ने सोमाराम की सुरक्षा जांच नहीं की जिसके चलते वह अपने साथ एक रिवाल्वर ले जाने में सफल हो गया और मौक़ा पाते ही भंडारनायके की हत्या कर दी।

आर प्रेमदासा

श्रीलंका के तीसरे राष्ट्रपति आर प्रेमदासा को एक आत्मघाती हमलावर द्वारा 1 मई, 1993 को बम विस्फोट द्वारा मार दिया गया था। घटना के वक़्त प्रेमदासा मई दिवस की रैली में हिस्सा ले रहे थे।
Dainik Bhaskar

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